उत्तर प्रदेशलखनऊ

ब्रेकथ्रू और क्लीनिक प्लस के मेरी बेटी स्ट्रॉंग कार्यक्रम के अंतर्गत किशोर-किशोरियों की आकांक्षाओं पर चर्चा हुई

ब्रेकथ्रू और क्लीनिक प्लस के मेरी बेटी स्ट्रॉंग कार्यक्रम के अंतर्गत किशोर-किशोरियों की आकांक्षाओं पर चर्चा हुई

लखनऊ,क्लीनिक प्लस के साथ पार्टनरशिप में ब्रेकथ्रू इंडिया ने 2021 में माँ को अपनी बेटियों को सशक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरी बेटी स्ट्रॉंग नामक कार्यक्रम की शुरुआत करी।ब्रेकथ्रू के सहयोग से, इस अभियान ने एक व्यापक किशोर-किशोरी सशक्तिकरण कार्यक्रम के रूप में परिवर्तित किया है | इसमें विभिन्न पहलुओं जैसे माताओं और बेटियों के बीच बंधन को मजबूत करना और मजबूत माताएं मजबूत बेटियों को बढ़ाती हैं जैसे विश्वास पर जोर देना शामिल है ।

इस अवसर पर ब्रेकथ्रू की सीनियर डायरेक्टर प्रोग्राम नयना चौधरी ने कहा,“मेरी बेटी स्ट्रांग हमारे लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि बेटियां अपनी मां के साथ सबसे मज़बूत रिश्ता साझा करती हैं। उन्हें अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य की तुलना में अपनी आकांक्षाओं के बारे में अपनी मां से खुलकर बात करना आसान लगता है। हमने इस समझ के साथ इस कार्यक्रम का निर्माण किया और परिवारों के भीतर लिंग आधारित भेदभाव कैसे होता है, इस बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए माताओं के समूहों का गठन किया और उनके जीवन के विभिन्न विकल्पों, शादी की उम्र, आकांक्षाओं, शिक्षा के बारे में युवा लड़कियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होने के लिए जागरूक किया । आखिरकार, आकांक्षा एक बीज की तरह है जो सुनिश्चित करती है कि लड़कियां स्कूलों में ज़्यादा समय तक रह कर अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने का प्रयास करेंगी । माँ-बेटी मज़बूत होंगी तो देश को भी मजबूत बनाएंगी|”
कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रवीण कुमार त्रिपाठी, उप निदेशक महिला कल्याण ने कहा कि “ समाज में माँ-बेटी का रिश्ता एक अटूट रिश्ता होता है और यही रिश्ता उनके जीवन का आधार बनता है| यह रिश्ता आगे चल कर बेटी की आकांक्षाओं के लिए आधारशिला का निर्माण करता है |”
हम इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अब तक 78,714 लोगों तक पहुँच चुके हैं, जिनमें से 67,436 किशोर-किशोरियों तक पहुँच चुके हैं|
इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू से कई साथियों के अलावा समाज के कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।

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