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सस्टेनिब्लिटी टॉक्स इस्तांबुल 2021 में कपड़ा उद्योग और पर्यावरण पर अपने विचार रखेंगे यावर अली शाह

सस्टेनिब्लिटी टॉक्स इस्तांबुल 2021 में कपड़ा उद्योग और पर्यावरण पर अपने विचार रखेंगे यावर अली शाह

यावर अली शाह सस्टेनिब्लिटी टॉक्स इस्तांबुल 2021 में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र व्यक्ति हैं

लखनऊ 24 नवंबर 2021: तुर्की में 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सस्टेनिब्लिटी टॉक्स इस्तांबुल 2021 का आयोजन किया जाएगा। इस अंतरराष्ट्रीय सस्टेनिब्लिटी टॉक में मुख्य वक्ता के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व एएमए हर्बल ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के सह-संस्थापक और सीईओ श्री यावर अली शाह करेंगे। इस एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप व एक्ज़ीबिशन में श्री यावर अली शाह समेत दुनिया भर के कई विशेषज्ञ कपड़ा उद्योग में पर्यावरणीय स्थिरता के लिए पारदर्शिता के साथ-साथ कपड़ा उद्योग के सामने आने वाली कठिन चुनौतियों के विषय मे चर्चा करेंगे। वे कपड़ा उद्योग में स्थिरता हासिल करने के लिए समाधानों पर मंथन करेंगे। सस्टेनेबिलिटी टॉक में, श्री शाह कपड़ा उद्योग से प्राकृतिक रंगों के पुनः प्रयोग करने का आग्रह करेंगे, क्योंकि इससे कपड़ा उद्योग में स्थिरता प्राप्त कर महत्वपूर्ण व सकारात्मक बदलाव किया जा सकता है।

कार्यक्रम में विभिन्न कंपनियों जैसे एबिटेक्स, आर्क्रोमा, कराफाइबर, कैसर, ईस्टमैन के प्रतिनिधि भाग लेंगे। श्री शाह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में एएमए हर्बल द्वारा एक स्टॉल भी लगाया जा रहा है, जिसमें दुनिया भर के व्यापारियों को एएमए हर्बल नेचुरल डाई जैसे उत्पादों के बारे में जानकारी दी जाएगी जो पर्यावरण में स्थिरता लाने में मदद कर रहे हैं। श्री यावर अली शाह ने कहा, “मुझे गर्व है कि लखनऊ और यूपी को प्राकृतिक रंगों की तकनीक और इसके अनुप्रयोग के केंद्र के रूप में पहचाना जा रहा है। एएमए हर्बल अपनी सभी परियोजनाओं में पर्यावरण स्थिरता को प्रोत्साहन देता है। कंपनी अपने रंगों के उत्पादन के लिए प्राकृतिक अर्क का उपयोग करती है। ये पूरी तरह से रासायन मुक्त हैं और एज़ो व कई अन्य हानिकारक पदार्थों से भी मुक्त हैं। मुझे यकीन है कि हमारे पास जो अभिनव उत्पाद और प्रक्रियाएं हैं, वे कपड़ा उद्योग को वांछित स्थिरता में लाने में सकारात्मक योगदान देंगी।”

श्री यावर अली शाह ने कहा कि पैसा कमाने की होड़ और मानवीय लालच के कारण पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हम निश्चित रूप से विकास की ओर बढ़ सकते हैं। वस्त्र उद्योग से निकलने वाले प्रदूषक मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ भूमि, जल और वायु को भी प्रदूषित करते हैं। वस्त्र उद्योग की दुनिया चमकीले रंगों, कम लागत वाली रंगाई और तेजी से उत्पादन की तलाश में रासायनिक रंगों की तरफ स्थानांतरित हो गई है। जहां कपड़ा उद्योग को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं प्राकृतिक रंगों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्राकृतिक डाई में कपड़ा टिकाऊ बनाने की क्षमता है और यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध भी हो चुका है, इसके बावजूद भी लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्राकृतिक डाई में पेट्रोलियम से आने वाले सिंथेटिक रंगों के बजाय पौधों, खरपतवारों और यहां तक कि खाद्य अपशिष्ट का उपयोग किया जाता हैं। कपड़ा उद्योग को आत्म-चिंतन करने और स्थिरता को प्राथमिकता देने की जरूरत है, अन्यथा मानव जाति और पर्यावरण का भविष्य को अंधकारमय हो जाएगा।

एमए हर्बल देश की पहली ऐसी कंपनी है जो पर्यावरण स्थिरता को लेकर वृहद पैमाने पर काम कर रही है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए एमए हर्बल ने न केवल अपनी प्राकृतिक डाई जैसे उत्पाद निर्मित किए हैं बल्कि कंपनी पर्यावरण में स्थिरता लाने की दिशा में भी कार्य कर रही है। एएमए हर्बल 1996 से प्राकृतिक रंगों के औद्योगिक अनुप्रयोग पर काम कर रही है और आज एएमए वास्तव में प्राकृतिक रंगों के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर है।

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