डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर समारोह का आयोजन सम्पन्न
डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर समारोह का आयोजन सम्पन्न
लखनऊ।वरिष्ठ साहित्यकार,पत्रकार एवं शायर डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर एक समारोह का आयोजन मिडिया फाउंडेशन के तत्वावधान में पुस्तक मेला के साहित्यिक पिंडाल में हुआ। जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ उषा सिन्हा पूर्व विभागाध्यक्ष भाषा विज्ञान लखनऊ विश्वविद्यालय, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अनिल कुमार मिश्र एवं अतिविशिष्ट अतिथि श्री महेन्द्र प्रताप अवस्थी भीष्म, रजिस्टर उच्च न्यायालय लखनऊ एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ शिव मंगल सिंह मंगल, त्रिवेणी प्रसाद दुबे ‘मनीष’, रविन्द्र नाथ तिवारी व कृपा शंकर श्रीवास्तव थे।संचालन डॉ योगेश एवं डॉ सुधा मिश्रा ने किया।
मुख्य अतिथि डॉ अनिल कुमार मिश्र ने डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी की अंग्रेज़ी एवं हिन्दी किताबों के हवाले से कहा कि दि गोल्डन चैप्टर आफ फ्रिडम हिस्ट्री स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की एक दस्तावेज़ी किताब है जिसे पढ़कर आने वाली नस्लें स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की कुर्बानीयों, देश भक्ति एवं राष्ट्रीय एकता के जज्बों को महसूस करेंगे, इसी डॉ हाशमी की पुस्तक मिडियाज़ इंपैक्ट आफ एजुकेशन पत्रकारिता के विधार्थीयों के लिए एक महत्वपूर्ण पुस्तक हैं, उनकी पुस्तक दि फराग्रांस आफ लाव अंग्रेज़ी में खुबसूरत शायरी की किताब है जिस देश के बड़े विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इनके अंग्रेज़ी एवं हिन्दी साहित्य की प्रशंसा करते हुए उसे साहित्य की धरोहर बताया है।
प्रोफेसर डॉ उषा सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी जहां अंग्रेज़ी एवं उर्दू में अपने सराहनीय योगदान के लिए जाने जाते हैं वहीं डॉ हाशमी का हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता में भी सराहनीय योगदान है इनकी पुस्तकें, महाकाव्य हिन्दी साहित्य का सरमाया हैं।
श्री महेन्द्र प्रताप अवस्थी भीष्म ने कहा कि डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी की पत्रकारिता एवं साहित्य में लिखे गए शब्द ऐसे होते है जो शायरी की आवाज़ बनकर सामने आते हैं और यही आवाज उनके व्यक्तित्व का सरमाया हैं।
श्री रविन्द्र नाथ तिवारी ने कहा कि डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी की रग-रग में लखनवी तहज़ीब बसी हुई है जिसने उनके व्यक्तित्व को निखार दिया है।
श्री त्रिवेणी प्रसाद दुबे ‘मनीष’ ने कहा कि डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी को किताबें पढ़ने का शौक उनकी उम्र के साथ बढ़ता जा रहा है।
डॉ शिव मंगल सिंह मंगल ने डॉ सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर एक नज़्म पेश करके समा बांध दिया।
समारोह में सर्वश्री कुमार तरल, तेज नारायण श्रीवास्तव राही, अनिल कुमार निडर, सुनिल बाजपेयी, प्रमोद श्रीवास्तव, प्रभा श्रीवास्तव, रत्ना बापूली, विजय कुमारी मौर्या, देवेश द्विवेदी देवेश, शशि श्रृया, मनू बाजपेई, मुकेश मिश्रा, रविन्द्र सक्सेना, बेताब लखनवी, आमिल अशीरफी, सरवर लखनवी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।