Uncategorized

रूदौली के याचिका कर्ताओं को हुई निराशा,ट्रिपल तलाक अध्यादेश में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

यूपी के फैजाबाद के सैंयद फारुक और मोहम्मद सिद्धकी ने दाखिल की थी याचिकाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक अध्यादेश में दखल देने से इंकार किया. CJI रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ताओं को कहा कि आपके पास कोई तथ्य हो सकता है, लेकिन हम दखल नहीं देंगे.

ट्रिपल तलाक अध्यादेश में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, CJI बोले- तथ्य के बाद भी हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट 

तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ याचिका खारिज.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दखल नहीं दे सकते.


याचिका कर्ता सय्यद फ़ारूक़

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक अध्यादेश में दखल देने से इंकार किया. CJI रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ताओं को कहा कि आपके पास कोई तथ्य हो सकता है, लेकिन हम दखल नहीं देंगे. याचिका में तीन तलाक अध्यादेश को अंसवैधानिक करार देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि ये अध्यादेश मनमाना और भेदभाव पूर्ण है. ये अध्यादेश असंवैधानिक है और समानता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. साथ ही ये धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के भी खिलाफ है. समस्त केरल जमियत उलेमा, यूपी के फैजाबाद के सैंयद फारुक और मोहम्मद सिद्धकी ने दाखिल की है याचिकाएं.

गौरतलब है कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने एक एेहतिहासिक फैसले में मुस्लिम समुदाय में 1400 सालों से चल रहे तीन तलाक(तलाक-ए-बिद्दत) के प्रचलन को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन तलाक, मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

पांच जजों की संविधान पीठ ने बहुमत (3:2) के आधार पर दिए गए इस फैसले में कहा कि तीन तलाक साफ तौर पर मनमाना है क्योंकि इसके तहत मुस्लिम पुरुष वैवाहिक संबंधों को खत्म करने की इजाजत देता है वह भी संबंध को बचाने का प्रयास करने के बगैर. लिहाजा संविधान के अनुच्छेद-25 यानी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत इस प्रथा पको संरक्षण नहीं दिया जा सकता.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button