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वर्ल्ड कैंसर डे: मेदांता हॉस्पिटल की विशेष पहल, अब स्थानीय स्तर पर ही मिल रही कैंसर के संपूर्ण इलाज की सुविधा

वर्ल्ड कैंसर डे: मेदांता हॉस्पिटल की विशेष पहल, अब स्थानीय स्तर पर ही मिल रही कैंसर के संपूर्ण इलाजकी सुविधा

लखनऊ, 04 फरवरी 2025: मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ ने वर्ल्ड कैंसर डे के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम कैंसर के प्रसार और इसके इलाज में हो रहे प्रयासों पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हॉस्पिटल ने सेंट्रल यूपी और आसपास के इलाकों में कैंसर के मॉडर्न इलाज को लेकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। मेदांता हॉस्पिटल के कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर केयर के चलते अब कैंसर के मरीजों को बड़े शहरों या महानगरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि मेदांता हॉस्पिटल स्थानीय स्तर पर ही उन्नत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।

भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या में तेज वृद्धि हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 में यह संख्या 14.6 लाख थी, जो 2025 तक बढ़कर 15.7 लाख हो सकती है। यह आंकड़े भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीपीआर) के हवाले से सरकार ने संसद में रखे थे। इन बढ़ते आंकड़ों के बीच मेदांता हॉस्पिटल कैंसर के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है।

मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. राकेश कपूर ने कहा, “कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इनमें बिना वजह वजन कम होना, असामान्य दर्द, थकावट, त्वचा में बदलाव, घावों का न भरना, खून की उल्टियां, गले में तकलीफ या अन्य असामान्य बदलाव शामिल हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

उन्होंने कहा,”यदि कैंसर का जल्दी पता चल जाता है और वह अर्ली स्टेज पर डिटेक्ट किया जाता है, तो हम मरीज को लंबे समय तक कैंसर-फ्री सर्वाइवल और दर्द मुक्त जीवन दे सकते हैं। इसके लिए किसी भी अच्छे हॉस्पिटल में कैंसर डिटेक्शन और इलाज के लिए कुछ अहम फैसिलिटीज़ की आवश्यकता होती है। कैंसर डिटेक्शन के लिए सबसे पहले जरूरी है – रेडियोलॉजी फैसिलिटीज़, जिसमें विभिन्न इमेजिंग तकनीकें जैसे एक्सरे, पीईटी (पॉज़िट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी), सीटी स्कैन, एमआरआई आदि का इस्तेमाल होता है। इसके बाद, पैथोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की लैब सुविधाएं जरूरी होती हैं, जो कैंसर की सही पहचान करने में मदद करती हैं।”

डॉ. कपूर ने यह भी स्पष्ट किया कि बायोप्सी कैंसर के निदान में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और इससे कैंसर नहीं फैलता है। बायोप्सी का उद्देश्य कैंसर का निदान करना होता है, जो इलाज की योजना बनाने में मदद करता है। यह तकनीक मरीज को शीघ्र उपचार दिलाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

“कैंसर के इलाज के लिए, एक अस्पताल में कुछ विशेष फैसिलिटीज़ होनी चाहिए जैसे डेडिकेटेड ओटीज़ (ऑपरेशन थियेटर) जहां कैंसर सर्जरी की जाती है, रोबोटिक सर्जरी के लिए द विंची रोबोट्स जो सर्जरी में सटीकता और दर्द को कम कर देते हैं। रेडिएशन फैसिलिटीज़ जैसे वेरियन्स एज मशीन जो कैंसर ट्रीटमेंट में सहायक होती है, डेडिकेटेड ट्रीटमेंट वार्ड जहां कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी दी जाती है, ट्यूमर बोर्ड जिसमें एक्सपर्ट कैंसर विशेषज्ञ मरीज की स्थिति के अनुसार इलाज की योजना तैयार करते हैं और इन-हाउस ड्रग फैसिलिटीज़ जो इलाज के दौरान मरीजों को सभी आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध कराती हैं। मेदांता हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी, हेमेटो ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और अन्य कई विशेष चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।” डॉ. कपूर ने यह भी बताया कि मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में उत्तर भारत में पहली बार वेरियन एज और ब्रेकीथेरेपी रेडिएशन मशीन की स्थापना की गई है।

डॉ कपूर ने कहा “मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में कंप्रीहेंसिव कैंसर केयर प्रोग्राम के तहत यह सभी फैसिलिटीज़ एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं। हम मरीजों को डिटेक्शन से लेकर इलाज और फिर पोस्ट-ट्रीटमेंट के बाद साइकॉलॉजिकल रीहैबिलिटेशन और अन्य रिहैबिलिटेशन सुविधाएं प्रदान करते हैं। मेदांता का उद्देश्य है कि मरीज को कैंसर के इलाज के सभी पहलुओं की सुविधा एक ही स्थान पर मिले, ताकि उन्हें बार-बार इधर-उधर न दौड़ना पड़े। यही वजह है कि मेदांता लखनऊ में अंडर वन रूफ सभी फैसिलिटीज़ उपलब्ध हैं।”

डॉ. कपूर ने आगे कहा, “कैंसर से बचाव के लिए कुछ प्रिवेंशन के उपाय भी होते हैं, जो कैंसर के खतरों को कम करते हैं, जैसे तंबाकू का सेवन न करना, सिगरेट से दूर रहना और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाना, जिससे अर्ली डिटेक्शन संभव हो सके। कैंसर के इलाज में इन सभी फैसिलिटीज़ का होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि मरीज को सही समय पर सही इलाज मिल सके और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो सके।”

मेदांता हॉस्पिटल की मल्टीडिसिप्लिनरी एप्रोच में ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट की टीम मिलकर हर मरीज के लिए एक व्यक्तिगत इलाज की योजना बनाती है। मरीजों को उनके इलाज में शामिल किया जाता है, जिससे उनकी संतुष्टि और उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं। इसके अलावा, अस्पताल पैलिएटिव केयर, दर्द प्रबंधन और मानसिक सहायता भी प्रदान करता है, जो मरीजों की शारीरिक और मानसिक जरूरतों को पूरा करती है।

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है, जो मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा और देखभाल प्रदान कर रहा है। आज के कार्यक्रम में डॉ.नीराज रस्तोगी (डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी), डॉ. अंकित गुप्ता (डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. हर्षवर्धन आत्रेय (डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. अमित अग्रवाल (डायरेक्टर, कैंसर केयर, एंडोक्राइन और ब्रेस्ट सर्जरी) और डॉ. विवेकानंद सिंह (डायरेक्टर, हेड एंड नेक कैंसर) की गरिमामयी उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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