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भारत में करीब 2.6 करोड़ महिलायें एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं, बायर का नया डिजि‍टल स्‍वास्‍थ्‍य समाधान एंडोमेट्रियोसिस और गर्भनिरोध के बारे में देगा महिलाओं को सलाह

बायर ने बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिये लॉन्‍च किया डिजिटल वीमन्‍स हेल्‍थ टूल्‍स
बायर का नया डिजि‍टल स्‍वास्‍थ्‍य समाधान एंडोमेट्रियोसिस और गर्भनिरोध के बारे में देगा महिलाओं को सलाह

भारत में करीब 2.6 करोड़ महिलायें एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं और 15-49 साल की 47 प्रतिशत महिलायें परिवार नियोजन की किसी भी विधि का इस्‍तेमाल नहीं करती हैं
बायर का ‘Bare Your Pain’ एप्‍लीकेशन और ‘Ask Tanu’ चैटबोट का लक्ष्‍य महिलाओं को क्रमश: एंडोमेट्रियोसिस तथा गर्भनिरोध के बारे में गलतफहमियों का संबोधित कर सशक्‍त बनाना है
बायर जायडस फार्मा भारत में महिलाओं की सेहत को सुधारने के लिये डिजिटल नवाचारों की क्षमता का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है

लखनऊ, 30 जनवरी, 2020- भारत में, जहां महिलाओं की सेहत अभी भी प्रमुख रूप से चिंता का कारण बनी हुई है, उनकी विश्‍वसनीय और भरोसेमंद जानकारी तक पहुंच बहुत ही सीमित है। भारत में महिलायें कई सारी बीमारियों से ग्रसित होती हैं, जिन पर जागरूकता के अभाव की वजह से ध्‍यान नहीं दिया जाता और उनकी पहचान नहीं हो पाती। महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी होने के कारण, बायर का मानना है कि स्‍वास्‍थ्‍यसेवा क्षेत्र में डिजिटल टूल्‍स की मदद से, ज्‍यादा से ज्‍यादा महिलाओं को सशक्‍त किया जा सकता है ताकि वह अपनी जिम्‍मेदारी खुद लें और किसी और से पहले व्‍यक्तिगत स्‍तर पर अपनी सेहत और तंदुरुस्‍ती का ध्‍यान ज्‍यादा रख सकें।

इन जरूरतों को पूरा करने के लिये, बायर जायडस फार्मा ने ‘Bare Your Pain’ लॉन्‍च किया है। यह एक एप्‍लीकेशन है जोकि महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद करेगा। साथ ही ‘Ask Tanu’ चैटबोट को भी पेश किया गया है जोकि भारत में अपनी तरह का अनूठा चैटबोट है, यह गर्भनिरोध तथा प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य पर विश्‍वसनीय जानकारी उपलब्‍ध करायेगा।

‘Bare Your Pain’ एप्‍लीकेशन का लक्ष्‍य, एंडोमेट्रियोसिस जैसी पुरानी और पीड़ादायक बीमारियों पर है, जोकि प्रजनन की उम्र की 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करती हैं। पूरी दुनिया में इस बीमारी से 17.6 करोड़ महिलायें ग्रसित हैं और 2.6 करोड़ महिलायें अकेले भारत से हैं। यह एप्‍लीकेशन, एंडोमेट्रियोसिस मरीजों को बेहतर तरीके से अपनी इस स्थिति की देखभाल करने और इस पर नज़र रखने में सक्षम बनायेगा। भारत में कई सारी महिलाओं के लिये, नियमित रूप से अपनी सेहत की जांच करवाना प्राथमिकता नहीं होती। यह एप्‍प, महिलाओं को घर पर ही इस बीमारी में देखभाल की जानकारी उपलब्‍ध कराने में मदद करेगा और साथ ही सेहत में होने वाले सुधार पर भी नज़र रखने में मदद करेगा। इससे वह जब भी डॉक्‍टर के पास जायेंगी, इसके बारे में और इसके परिणामों के बारे में बेहतर तरीके से चर्चा कर पायेंगी।

आगरा में प्रैक्टिस कर रहे जाने-माने गायनेकोलॉजिस्‍ट तथा ऑब्‍स्‍टेट्रिशियन, डॉ. नरेंद्र मल्‍होत्रा ने कहा, “एंडोमेट्रियोसिस में बीमारी की देखभाल करना सबसे अहम भूमिका निभाता है। यदि मरीज जागरूक है तो इस स्थिति को अच्‍छी तरह से संभाला जा सकता है और इससे लक्षणों पर नज़र रखी जा सकती है। कई सारे मामलों में, मरीज अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में स्‍पष्‍ट रूप से नहीं बता पाता है। ‘Bare Your Pain’ से हेल्‍थकेयर एप्‍लीकेशन की सुविधा से जागरूकता का स्‍तर बेहतर होगा और इससे मरीजों की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकेगा।”

देश की आधी जनसंख्‍या के 25 साल से भी कम उम्र की होने के कारण, युवाओं में गर्भनिरोध का इस्‍तेमाल करने के बारे में भी जागरूकता फैलाने की जरूरत है। साथ ही परिवार‍ नियोजन को लेकर युवा जोड़ों को भी जानकारी देने की जरूरत है। आमतौर पर महिलायें इस तरह की बातचीत करने में झिझकती है कि कहीं उन्‍हें गलत ना समझा जाये। ‘Ask Tanu’ चैटबोट का लक्ष्‍य गर्भनिरोध, प्रजनन और यौन स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में गलतफहमियां दूर करना हैं। यह फेसबुक मैसेंजर एप्‍प के जरिये, स्‍मार्टफोन की सुविधा में सुरक्षित तथा निजी रूप में प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में प्रमुख जानकारियां तथा संसाधन मुहैया करायेगा।

मुंबई स्थित प्रमुख ऑब्‍स्‍टेट्रिशियन तथा गायनेकोलॉजिस्‍ट, डॉ. नोज़र शेरियार ने कहा, “एनएफएचएस 4’ सर्वे के अनुसार, 15-49 साल की 47 प्रतिशत शादीशुदा महिलायें किसी भी तरह के परिवार नियोजन के तरीकों का इस्‍तेमाल नहीं करती हैं, जोकि इस विषय में जागरूकता लाने की आवश्‍यकता पर जोर देता है। आमतौर पर महिलायें संवेदनशील मुद्दों पर अपने दोस्‍तों से पूछने या इंटरनेट पर उसके बारे में जानकारी लेने में ज्‍यादा सहज महसूस करती हैं। ‘Ask Tanu’ उन्‍हें व्‍यक्तिगत रूप से ऑनलाइन उनके सवालों के जवाब देगा। इस तरह की निजी सेवा महिलाओं को सवाल पूछने और विभिन्‍न स्रोतों से उनकी सेहत से जुड़े सवालों के सही जवाब जानने के लिये प्रेरित करेगी । यदि उन्‍हें कोई और भी सवाल परेशान कर रहे हैं तो यह उन्‍हें अपने फिजिशियन से सलाह लेने के लिये भी प्रेरित करेगी।”

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