उत्तर प्रदेशफ़ैज़ाबाद

या हक़ के नारों से गूंज उठी रूदौली शैख़ मखदूम अब्दुल हक़ का 602 वाँ उर्स सम्पन्न

रिपोर्ट- अलीम कशिश

रूदौली(अयोध्या ) विश्व विख्यात सूफी संत शेख मख़्दूम अहमद अब्दुल हक़ रहमतुल्लाह अलैह का 602 वाँ उर्स अपनी शान ओ शौक़त व अकीदत के साथ मनाया गया रूदौली शहर की गंगा जमुनी तहजीब, आपसी मेल मिलाप व भाई चारे का सन्देश देने वाले विश्व विख्यात हज़रत शेख मखदूम अब्दुल हक़ रूदौलवी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह में लगे मेले में देश के कोने-कोने के अलावा विश्व के कई देशों से जायरीन उर्स में शिरकत के लिए रूदौली पहुचे
दरगाह शरीफ में चांद दिखते ही क़व्वाली का सिलसिला जो

जारी हुआ आज उसका समापन हो गया। रात भर महफ़िल ए समह खानकाह शेखुल आलम में हुई सज्जादा नशीन व मुतवल्ली दरगाह मख्दूम साहब शाह अम्मार अहमद अहमदी नय्यर मियाँ ने देर रात शेखुल आलम के कुल शरीफ व सुबह मख्दूम साहब की मज़ार के ग़ुस्ल की रस्म अदा की। देश भर से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा है बड़े झुब्बे की ज़ियारत की वजह से पूरा नगर जायरीनों से पट गया सज्जादा नशीन नय्यर मियाँ द्वारा मख्दूम साहब के पवित्र वस्त्र बड़े झुब्बे की ज़ियारत श्रद्धालुओं को कराई गई इस मौके पर देश की बड़ी दरगाहों के सज्जादा नशीन व सूफी विद्वान मौजूद थे। इसी के साथ उर्स सम्पन्न हो गया मेला। दरगाह शरीफ पर लगने वाला में चलता रहेगा मेले में मशहूर चीजों की दुकानों पर महिलाओं की व झूले।पर बच्चों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। मेले में प्रमुख रूप से बरेली का सुरमा लखनऊ का मशहूर हलवा पराठा समेत विभिन तरह की दुकानें मेले में ए हुए लोगो को आकर्षित कर रही है

एक पैर पर 9 महीने तक सरयू नदी खड़े हो कर की इबादत

कहते है कि हज़रत शेख मख़्दूम अहमद अब्दुल हक़ रहमतुल्लाह अलैह हमेशा अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते थे आप ने अयोध्या की सरयू नदी में एक पैर पर खड़े होकर 9 महीने इबादत की इस दौरान मछलियों ने पैर को ज़ख़्मी कर दिया फिर भी उन्होंने इबादत नहीं छोड़ी नौ महीना पूरा होते ही हज़रत अली की तरफ से बतौर इनाम दुवा ए हैदरी अता हुई।जिससे उनके पैर पुनः पहले की तरह हो गए

शैख़ मखदूम अब्दुल हक़ को गाय से था दिली लगाओ

जानकार बताते है कि मख़्दूम साहब एक गाय पाले हुए थे जिससे वो बहुत मोहब्बत करते थे जब गाय की मौत हो गई तो मख़्दूम साहब को बहुत दुख हुआ और उन्होंने अपने पास ही दरगाह शरीफ के अंदर गाय को दफन किया जिसकी क़ब्र आज भी मौजूद है।

दरगाह शरीफ में फ्री मिलती है अरकुननिसा की दवा

दरगाह शरीफ के शाह मसूद हयात ग़ज़ाली मियां ने बताया कि दरगाह शरीफ में आरकुन निशा(एक तरह का पैर के दर्द) की दवा फ्री में दी जाती है । बताया जाता है कि दरगाह शरीफ से मिली हुई हुई दो खुराक दवा का इस्तेमाल करने से ही अरकुननिसा जैसी बीमारी जड़ से ही समाप्त हो जाती है।इस दवा के लिए प्रतिदिन देश, प्रदेश के कई जिले से पीड़ित लोग आते हैं और दवा खाकर मर्ज से शिफा याब होते हैं।

 

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